कश्ति का खामोश सफर है शाम भी है तनहाई भी
दूर किनारे पर बजती है लहरो की शहनाई भी
आज मुजे कुछ केहना है – आज मुझे कुछ कहेना है.
कश्ति का खामोश सफर है शाम भी है तनहाई भी
दूर किनारे पर बजती है लहरो की शहनाई भी
आज मुजे कुछ केहना है – आज मुझे कुछ कहेना है.
लेकिन ये शरमीली निगाहे मुझको इजाजत दे तो कहू
खुद मेरी बेताब उंमंगे थोडी फुरसत दे तो कहूं
आज मुजे कुछ कहना है – आज मुझे कुछ कहेना है.
जो कुछ तुमको कहना है, वोह मेरे ही दिल की बात न हो
है जो मेरे ख्बोकी मंजील उस मंजील की बात न हो.
कहते हुये डर सा लगता है, कहकर बात न खो बैठूं
ये जो जरासा साथ मिला है, ये भी साथ ना खो बैठू
कब से तुम्हारे रस्ते मे मै फूल बिछाये बैठी हूं
कह भी चुको जो कहना है, मै आस लगाये बैठी ये हूं
दिल ने दिल की बात समझली अब मुह से क्या कहना है
आज नाही तो कल कह लें गे अब तो साथ ही रहना है.
कह भी चुको
कह भी चुको जो कहना है
छोडो अब क्या कहना है
दूर किनारे पर बजती है लहरो की शहनाई भी
आज मुजे कुछ केहना है – आज मुझे कुछ कहेना है.
कश्ति का खामोश सफर है शाम भी है तनहाई भी
दूर किनारे पर बजती है लहरो की शहनाई भी
आज मुजे कुछ केहना है – आज मुझे कुछ कहेना है.
लेकिन ये शरमीली निगाहे मुझको इजाजत दे तो कहू
खुद मेरी बेताब उंमंगे थोडी फुरसत दे तो कहूं
आज मुजे कुछ कहना है – आज मुझे कुछ कहेना है.
जो कुछ तुमको कहना है, वोह मेरे ही दिल की बात न हो
है जो मेरे ख्बोकी मंजील उस मंजील की बात न हो.
कहते हुये डर सा लगता है, कहकर बात न खो बैठूं
ये जो जरासा साथ मिला है, ये भी साथ ना खो बैठू
कब से तुम्हारे रस्ते मे मै फूल बिछाये बैठी हूं
कह भी चुको जो कहना है, मै आस लगाये बैठी ये हूं
दिल ने दिल की बात समझली अब मुह से क्या कहना है
आज नाही तो कल कह लें गे अब तो साथ ही रहना है.
कह भी चुको
कह भी चुको जो कहना है
छोडो अब क्या कहना है
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